कहानी, व्यंग्य, कविता, गीत व गजल

Wednesday, January 30, 2013

बापू


बापू
तुम सच मानो
हम तुम्हें भूले नहीं है,
हमें अभी तक याद है
तुम्हारे जनम और निर्वाण की तारीखें |



बापू
इन तारीखों में हम तुम्हें

बडी शिद्दत से याद करते है,
तुम्हारी समाधि पर श्रद्धा सुमन चडाते है, 
सांकेतिक चरखा चलाते है, भजन गाते हैं
दो मिनट का मौन भी धारण करते हैं
आपके नाम का दिन मे कितनी ही बार उच्चारण करते हैं |



बापू तुम बुरा मत मानो
प्रगति की दौड में
आगे बढने की होड में
भले ही हमसे विमुख हो गये हैं
आपके आदर्श, आपकी सीखें |
लेकिन हम तुम्हें भूले नहीं हैं
हमें अभी तक याद है
तुम्हारे जनम और निर्वाण की तारीखें
|

No comments:

Post a Comment