कहानी, व्यंग्य, कविता, गीत व गजल

Friday, February 27, 2009

बुरी तरह चित्त हुये चैंपियन

नयूजीलैण्ड का दौरा सदा ही भारतीय क्रिकेट टीम पर भारी पडा है, यह बात एक बार फिर सिद्ध होती दिख रही है । कम से कम दौरे के दोनों शुरुआंती टी२० मैचों के परिणाम तो यही कहानी बयां करते लग रहें हैं । दोनो ही मैचों मे कीवियों ने जिस बुरी तरह से भारतीय टीम को धुना है उससे हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी दुखी है । इस हार से एक बार फिर भारतीय टीम की विदेशी पिचों पर असहाय प्रवृत्ती उजागर हुई है । भारत की तथाकथित मजबूत बल्लेबाजी कितनी भंगुर है यह सबने देख लिया है । दोनो ही मैचों मे भारतीय टीम मे जीत का जज्बा तो दिखा ही नही । बल्लेबाजों ने तो टीम को लजाया ही, गेंदबाजों ने भी डुबोने में कोई कसर नहीं छोडी ।
वीरेंद्र सहवाग ने दोनो मैचों मे ताबड़तोड़ तरीके से शुंरुआंत तो की लेकिन उंहे पिच की नियति परख लेना जरा भी गवारा नहीं हुआ । उनके जल्दी आउट होने के बाद तो भारतीय बल्लेबाज मानो तू चल मैं आया का खेल खेलने लगे । किसी भी मैच मे भारतीय टीम लय मे नजर नहीं आई । जिस तरह से एक दिवसिय मैचों में ३०० रनों का टोटल भी बहुत अधिक सुरक्शित नहीं रह गया है उसी तरह टी२० मैचों में भी १८० रनों से कम स्कोर करने वाली टीम जीत के बारे में सोच ही नहीं सकती । भारत की बल्लेबाजी का ऊपरी क्रम पूरी तरह असफल रहा । टी२० के सफलतम भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर सहित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और युसुफ पठान कसौटी पर खरे नहीं उतर सके ।
पहले मैच में सुरेश रैना ने किसी तरह टीम को संघर्श करने लायक स्कोर तक पहुंचाया जबकि दूसरे मैच मे युवराज ही कुछ हद तक कीवी गेंदबाजों का सामना कर सके । लेकिन ये दोनो भी केवल एक एक मैच में ही जम सके । खिलाडियों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव भारतीय टीम की पुरानी कमजोरी है ।
कीवी दौरा सदा ही भारत के लिये चुनौतिपूर्ण रहा है । पिछ्ले तीस वर्षों में भारतीय टीम कभी भी श्रंखला जीत कर स्वदेश वापस नहीं आई है । इस दौरे का कार्यक्रम भी सोच विचार कर नहीं बनाया गया है । टीम के लिये महत्वपूर्ण मैचों मे उतरने से पूर्व एक भी अभ्यास मैच नहीं रखा गया है । रही सही कसर टीम प्रबंधन भी पूरी कर रहा है । दूसरे मैच से पूर्व तो भारतीय टीम ने नेट प्रेक्टिस भी नहीं की । पहला मैच हारने के बाद ऐसा आत्मविश्वास दिखाना बेवकूफी ही माना जा सकता है । विकेट के नेचर से अनभिग्यता, मौसम और तेज ठंडी हवाओं के माहोल मे अभ्यस्त हुये बिना बाजी मारने का दुस्साहस ही टीम पर भारी पडा है ।
वैसे धोनी की टीम मे काफी दमखम है । एकदिवसीय मैचों में वह पूरे जोश खरोश से वापसी करेगी, यह उम्मीद है । एकदिवसीय श्र्ंखला का पहला मैच ३ मार्च को हेमिल्टन मे खेला जायेगा । गुड लक इंडिया । गुड लक धोनी ।

No comments:

Post a Comment